शब्-जुगनू, चाँद-सितारों की बात है
शायद इश्क के सब मारों की बात है
बयान लफ़्ज़ों में कर तो दूँ समझोगे
ये मुहब्बत है यार इशारों की बात है
अब के रुत में फिर अजब रंग होगा
सेहरा की जानिब बहारों की बात है
उसका मेरी जिंदगी में होना कुछ यूँ
जैसे दरिया के दो किनारों की बात है
हिज्र, तन्हाई, ये अश्क और रुसवाई
बस मैं और मेरे कुछ यारों की बात है
मेरी ग़ज़ल के किरदारों में देख लेना
खुशगवार से गम-गुज़ारों की बात है
खूबसूरत पेशकश, लाजवाब गज़ल
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत अंदाज़ में पेश की गई है पोस्ट.
जवाब देंहटाएंJabardast........
जवाब देंहटाएंWah Wah wah!!
जवाब देंहटाएंआप सभी का शुक्रिया और आभार.....
जवाब देंहटाएंयूँ ही आते जाते रहें यहाँ भी...
आप सभी का शुक्रिया और आभार.....
जवाब देंहटाएंयूँ ही आते जाते रहें यहाँ भी...