लोकप्रिय पोस्ट

मंगलवार, मई 17, 2011

बारिशों के मौसमों में पतंगें उडाई जाएँ



चलो के किस्मतें कुछ यूँ आजमाई जाएँ 
बारिशों के मौसमों में पतंगें उडाई जाएँ

उसकी इबादत में खुद को लगा रखो तुम 
कब जाने खुदा तक, तुम्हारी दुहाई जाएँ 

गिला-शिकवा ये जफा-वफ़ा क्या है यहाँ 
ऐसी बातें तो मुहब्बत में ना उठाई जाएँ 

कौन कहता है के वो भूल गया है मुझको 
अरे हिचकियाँ देखो आई जाएँ आई जाएँ 

तू मुझसे मैं तुझसे खफा हैं तो हुआ करें 
तमाम शहर को रंजिशें ना दिखाई जाएँ 

जब ना हो पूरी कोई "आरज़ू" तेरी "राज़"
अपनी हसरतें आईने को ही सुनाई जाएँ