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शुक्रवार, जुलाई 31, 2009

अच्छा लगता है



तुमको यूँ ही सताना अच्छा लगता है
रूठ जाती हो मनाना अच्छा लगता है

एक तुमको ही तो मैं अपना कहता हूँ
वादा तुमसे निभाना अच्छा लगता है

कोई नहीं यहाँ, जो दिल के जज्बे सुने
हर बात तुम्हे बताना अच्छा लगता है

जब भूलने लगती है ये दुनिया यूँ मुझे
तुम्हारा वो याद आना अच्छा लगता है

सरे राह मिलती हैं जब नजरे नजर से
दांतों से पल्लू दबाना अच्छा लगता है

छेड़ देता है जब अब्र जुल्फों के तार को
करीने से जूड़ा सजाना अच्छा लगता है

पलकों की नम कोरें यूँ, अच्छी लगती हैं
बेसबब कभी मुस्कराना अच्छा लगता है

इन्तजार का लुत्फ़ यूँ ही ले लेता हूँ मैं
किया वादा तेरा भुलाना अच्छा लगता है

सुना जब भी बातें तेरे अपनों का होतीं है
जिक्र मेरा उनमे उठाना अच्छा लगता है

चैन से सोने की बात तो करते हैं "राज"
पर ख्वाब में तेरा आना अच्छा लगता है