लोकप्रिय पोस्ट

बुधवार, दिसंबर 23, 2009

मयकशी मेरी आदत मुझे बदहवाश रहने दे


अपनी खुशबू का साँसों में अहसास रहने दे
जो कुछ है बस यही तो है मेरा खास रहने दे

मिल के बिछड़ना फिर बिछड़ के मिलना यूँ
उम्र भर के लिए आँखों में ये तलाश रहने दे

ना मांग लेना अपनी आहों के लम्हे उधार में
एक यही तो बची है दौलत मेरे पास रहने दे

माना के आब सा जुनूँ रखते हो जज्बात में
पर मैं तो हूँ सहरा मुझमे मेरी प्यास रहने दे

नहीं होना शामिल मुझे वाइजों की जात में
मयकशी मेरी आदत मुझे बदहवाश रहने दे