तुम्हारी याद का गर एक भी पल हो जाए
समझो फिर तो खूबसूरत ग़ज़ल हो जाए
जो इश्क का सामान अपने घर रखता हो
सौदा बेवफाई का हो तो वो पागल हो जाए
तुम भी खामोश और हम भी रहे चुप जो
फिर कहो कैसे कोई मसला हल हो जाए
बहुत हुए जीने को मुझे कुछ लम्हे पुराने
सोचता हूँ के क्यूँ कोई रद्दो-बदल हो जाए
माना के हूँ काफिर पर डरता भी बहुत हूँ
मुलाकात ना खुदा से रोजे-अजल हो जाए
सुंदर
जवाब देंहटाएंमोमिन : एक क्रांति का नाम है. मोमिन ने इस्लाम के कुत्तों को उनकी औकात बता दी है.
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इस्लाम अय्याशी और हिंसा का मजहब है. इसको मानने वाले मुहम्मद उमर कैरान्वी, जमाल, असलम कासमी, सलीम खान, अयाज अहमद, सफत आलम, एजाज इदरीसी, जीशान, इम्पैक्ट, खुर्सीद जैसे देशद्रोही, कृतध्न, जिस थाली में खाते हैं उसी में छेद करते हैं, ब्लोगों पर हिन्दुओं के विरुद्ध इतना विष वामन करते हैं तो इनकी मस्जिदों में क्या नही होता होगा? कोई भी अनुमान लगा सकता है. विदेश से पैसा लेकर इस्लाम का प्रचार और हिन्दू धर्म का अपमान कर रहे हैं.