फिर इस गम को मात मिल जायेगी
के जब कज़ा से हयात मिल जायेगी
सब भूल कर के हम भी सोयेंगे बहुत
पुर-सुकून जब वो रात मिल जाएगी
मैं जितने जवाब खोजूंगा इसके लिए
जिंदगी ले नए सवालात मिल जायेगी
उसके बेटे भी कमाने लगे है आज-कल
अब मुफलिसी से नजात मिल जायेगी
उसके लहजे पे जरा गौर करना तुम
बातों-बातों में मेरी बात मिल जायेगी
देखना, जिस रोज उसकी '' हाँ '' होगी
मुझको सारी कायनात मिल जायेगी
वाह राज जी......
जवाब देंहटाएंबेहतरीन गज़ल....
आपके ब्लॉग पर आना सार्थक होता है....
बहुत बढ़िया.
अनु
शुक्रिया अनु जी, शब्दों से हौसला बढ़ता है....
जवाब देंहटाएंwah...bahut khoob...
जवाब देंहटाएंआभार..... माही जी...
जवाब देंहटाएंhi
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