कभी मीठी तो, कभी है खारी जिंदगी
सच कहूँ मगर है बहुत प्यारी जिंदगी
कभी सिसके तो कभी पागलों से हँसे
तेरी याद में कुछ यूँ है गुजारी जिंदगी
जीने की हद तक तो तुम जियो यारों
क्या हुआ जो क़ज़ा से है हारी जिंदगी
कभी ख्वाब देखते, कभी आरज़ू लिए
कट रही है बस अब यूँ हमारी जिंदगी
उसके बगैर भी अपनी तो कटेगी "राज़"
बस उसे ही रहेगा मलाल सारी जिंदगी
बहुत खूब....
जवाब देंहटाएंऔर इसी तर्ज़ पर हमारी भी गज़ल पढ़िए...
http://allexpression.blogspot.in/2012/06/blog-post_19.html
:-)
अनु
प्रशंसनीय है ....
जवाब देंहटाएंवाह !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर तरीके से
शब्दों में संवारी है जिंदगी !!
बहुत सुन्दर ऐसी ही जिंदगी..
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरती से जिंदगी के अहसास को
रचना में उतारा है..
बेहतरीन ...
:-)
बढिया लिखा है ..
जवाब देंहटाएंbahut sundar aur sarthak srijan.
जवाब देंहटाएंआप सभी गुणीजनों का बहुत बहुत धन्यवाद....
जवाब देंहटाएंयूँ ही हौसला अफजाई करते रहें.... आभार
वाह ... बहुत खूब
जवाब देंहटाएंकल 25/07/2012 को आपकी इस पोस्ट को नयी पुरानी हलचल पर लिंक किया जा रहा हैं.
आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
'' हमें आप पर गर्व है कैप्टेन लक्ष्मी सहगल ''
कनपुरिया राज साहब आप छ गए हैं ,अशआर सारे भा गएँ हैं .
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत
जवाब देंहटाएंआभार... आप सभी का..
जवाब देंहटाएंबहुत खूब.
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