इक खुबसूरत सी दुआ 'आरज़ू'
दिल से निकलती सदा 'आरज़ू'
जेहन में जब हो मौसमे-सहरा
होती है रंगीन ये फिजा 'आरज़ू'
निशाँ ना रहे तीरगी का यहाँ पे
हो जब सहर खुशनुमा 'आरज़ू'
फूल खिल जाएँ महकें कलियाँ
चले जो होके बादे-सबा 'आरज़ू'
कोई और क्या मिसाल दूँ यहाँ
मैं मोहब्बत तो है वफ़ा 'आरज़ू'
सुकून हर दर में हो जाए अता
जहाँ भी मैं लूँ गुनगुना 'आरज़ू'
हिज्र की तनहा सी इन रातों में
रौशनी का हो रहे दिया 'आरज़ू'
कुछ और 'राज़' क्या ख्याल करें
नाम जुबाँ पे जबसे सजा 'आरज़ू'
ईश्वर आपकी हर आरजू पूरी करे
जवाब देंहटाएंशुक्रिया दोस्त....
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