दिल जो धड़के तो उनको भी खबर हो जाए
मेरी जानिब बस उनकी एक नज़र हो जाए
अब तो तारीकी ही काबिज हैं गलियों में मेरी
रुख से चिलमन जो ढले शायद सहर हो जाए
मेरी पलकें गर उठे वो ही नज़र आये मुझे
लब पे दुआओं का कुछ ऐसा असर हो जाए
उसके दर्दो-अलम से वाकिफ कुछ ऐसा रहूँ
वो आह भरे भी तो चाक मेरा जिगर हो जाए
ऐ खुदा अबके ये बहारें बरसें कुछ ऐसी यहाँ
सेहरा की शाख पे फिर गुल-ओ-समर हो जाए
bahut sunder bhav.......
जवाब देंहटाएंदीपावली की शुभकामनाएं।
अरे वाह...
जवाब देंहटाएंआप को भी सपरिवार दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं और बधाई!!!
जवाब देंहटाएं्सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंदीप पर्व की हार्दिक शुभकामनायें।
दिपोत्सव की शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंbahut hi sunder rachna.
जवाब देंहटाएंआप सभी का शुक्रिया....
जवाब देंहटाएंआप यूँ ही आते रहें बज़्म में गरीब की
बात यही है, बहुत मुझे खुशनसीब सी