हमे भी देखकर मुस्कराया करो
मिलने हमारे घर भी आया करो
सबकी नजरें सही नहीं लगती
यहाँ वहां मत आया जाया करो
सफ़र तय करते उम्र बीतती है
दूर कहीं मंजिले ना बनाया करो
लोग पागल ही समझेंगे तुम्हे
मुझे सोच के ना शरमाया करो
अब सबसे दुश्मनी क्या करना
दिल नहीं हाथ तो मिलाया करो
अँधेरे घर में अच्छे नहीं होते हैं
शाम हो तो चराग जलाया करो
काफ़िरो के हक दुआ नहीं होती
उनके लिए भी हाथ उठाया करो
शुक्रिया ....... उम्मेदभाई.....
जवाब देंहटाएंआप की हौसला अफजाई के बिना कुछ संभव नहीं...
ऐसे ही साथ देते रहिये......दुआओ से साथ
उड़न जी......आभार जो आपने वक़्त दिया....खुश रहिये....