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बुधवार, अप्रैल 28, 2010

बेबस होके बेबसी से मिले


बेबस होके बेबसी से मिले
जब कभी जिंदगी से मिले

आईने की शक्ल देखी जब
हम एक अजनबी से मिले

बस हमी से अदावत रखी
वैसे वो हर किसी से मिले

बहुत से शिकवे किये होंगे
अँधेरे जब रौशनी से मिले

बरसे बगैर जो घटा गयी
शजर कहाँ ख़ुशी से मिले 

खुदा को भी सुकूँ आ जाए
आदमी जो आदमी से मिले

वाइज ना ऐसी हैरत कर
काफिर जो बंदगी से मिले

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