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सोमवार, जुलाई 06, 2009

जो दर्द दे उसको भुला देना अच्छा




जो दर्द दे उसको भुला देना अच्छा
ज़ख्म हो जाए तो दवा देना अच्छा

और गर यादें नासूर बन जाएँ कभी
उनको दिल से ही मिटा देना अच्छा

तनहा रहके हासिल कुछ नहीं होता
शानो पे रखके सर बता देना अच्छा

जो थाम ले तेरे आरिज पे ढलके अश्क
हर वादा उस से ही निभा देना अच्छा

ये बहारें तेरे जानिब आने को बेताब हैं
अब तो घर के परदे उठा देना अच्छा

मुस्कराने का तुमको भी तो हक है'राज'
हंसी को अब लबों का पता देना अच्छा

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