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रविवार, अप्रैल 26, 2009

याद उसकी




सुबह शाम आये है याद उसकी
मेरी रूह को सताए है याद उसकी...

मैं भूल भी जाऊं गर उसे कभी
खुद ही खुद बुलाये है याद उसकी...

फूलों का खिलना है चेहरा उसका
और खुशबू बिखराए है याद उसकी...

काफिर भी बंदगी खुदा की करे
जब दुआ हो जाए है याद उसकी...

मैं चाह के भी आँखें नम ना करुँ
हर घड़ी को मुस्कराए है याद उसकी...

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