.
कुछ इस तरह ग़मों को छिपाना पड़ सकता है
दर्द ज्यादा होगा तो मुस्कराना पड़ सकता है
दस्तार को संभालने की फ़िक्र छोड़ दे ऐ बंदे
मुश्किल हालात हैं, सर गँवाना पड़ सकता है
झूठ का कारोबार कर तो रहे हो मगर सोच लो
कभी सच का भी परचम उठाना पड़ सकता है
रुठते हो जो तुम तो रूठ जाओ कोई बात नहीं
याद रखो के हम रूठे तो मनाना पड़ सकता है
नहीं समझे है मोहब्बत को, रस्म जमाने की
नाम दिल पे ना लिख, मिटाना पड़ सकता है
अदावत करो पर जेहन में ये बात रखो "राज "
नज्र मिली तो हाथ भी मिलाना पड़ सकता है
बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंबहूत खूब
जवाब देंहटाएं