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सोमवार, नवंबर 23, 2015

कैसी चले रहे हो तुम चाल साहब



कैसी चले रहे हो तुम चाल साहब 
कर रहे हो इंसां को हलाल साहब 

चूस कर के खून इन गरीबों का 
हो रहे हो और मालामाल साहब 

ये सियासत कलम से अच्छी नहीं 
शायरी कर ना दे कोई बवाल साहब 

तुम फरेबी हो दगाबाज हो झूठे हो 
दिल में रखने का है मलाल साहब 

"राज" शायर है, फ़कीर है, पागल है
झूठ कहके ना करेगा कमाल साहब 

शुक्रवार, नवंबर 13, 2015

फिर से मौसम को कुछ और अच्छा बनाया जाय



फिर से मौसम को कुछ और अच्छा बनाया जाय 
आओ मोहब्बत का नया सिलसिला बनाया जाय 

जिससे मिलने को हर घड़ी ही बेताब रहे ये दिल
किसी आवारा बादल से चलो रिश्ता बनाया जाय  

ना तुझको हासिल है कुछ, ना मुझको हासिल है 
तो नफरतों को क्यों अपना हिस्सा बनाया जाय 

क्यों हो बेकार में ही बहर-ओ-अदब की तिजारत 
सब के पल्ले पड़े यूँ अशआर हल्का बनाया जाय 

बात सियासी करते हैं पर सियासत नहीं करते 
अब बेवजह ना हम जैसों को नेता बनाया जाय 

आँधियों से भी लड़ने लगे हैं आजकल चराग ये  
ऐसी हकीकत पे चलो कुछ किस्सा बनाया जाय 

कह दीजिये आप अपनी आरज़ू ''राज'' लफ़्ज़ों में  
ग़ज़ल को इस तरह कुछ और मीठा बनाया जाय 

शुक्रवार, अक्तूबर 30, 2015

सर गवाना पड़ सकता है

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कुछ इस तरह ग़मों को छिपाना पड़ सकता है  
दर्द ज्यादा होगा तो मुस्कराना पड़ सकता है  

दस्तार को संभालने की फ़िक्र छोड़ दे ऐ बंदे 
मुश्किल हालात हैं, सर गँवाना पड़ सकता है 

झूठ का कारोबार कर तो रहे हो मगर सोच लो 
कभी सच का भी परचम उठाना पड़ सकता है 

रुठते हो जो तुम तो रूठ जाओ कोई बात नहीं 
याद रखो के हम रूठे तो मनाना पड़ सकता है 

नहीं समझे है मोहब्बत को, रस्म जमाने की 
नाम दिल पे ना लिख, मिटाना पड़ सकता है 

अदावत करो पर जेहन में ये बात रखो "राज "
नज्र मिली तो हाथ भी मिलाना पड़ सकता है 

मंगलवार, मार्च 31, 2015

भारत में




फलता-फूलता खूब साधू संतो का व्यापार भारत में 
क्यों कि फैला है अन्धविश्वास अपरम्पार भारत में 

कहीं मिलता कोई आसा तो कोई देता है बस झांसा
ऐसे करते हैं सभी अपना अपना कारोबार भारत में  

यूँ कहने को तो करोड़ों पैदा हो चुके हैं इस जमीन पे  
आड़े वक़्त मगर नहीं लेता है कोई अवतार भारत में 

गरीबों का हक़ मारकर के अमीरों की जेबें भरती है 
करती है काम गैर-सरकारी, यहाँ सरकार भारत में

कई मजलूम सड़ जाते है बेगुनाही साबित करते-२ 
कई हीरो बने रहते हैं उमर भर, गुनहगार भारत में  

हो जाए कोई हादसा तो कुछ ऐसे पेश आते हैं लोग 
मदद छोड़कर बनाते हैं वीडियो समझदार भारत में 

अजब चलन है 'राज', सच कहिये तो बुरा लगता है 
पूजते हैं पत्थर, करते इन्सां से दुर्व्यवहार भारत में 
KK