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सोमवार, जनवरी 04, 2010

जब महताब खिलेगा तो सितारे आयेंगे



जब महताब खिलेगा तो सितारे आयेंगे
चांदनी रात के खूबसूरत नज़ारे आयेंगे

तेरी यादों के साए में खामोश रहूंगी मैं
दिल में मगर कुछ रंगीन इशारे आयेंगे

एक चेहरा वही देखने को तरस जाउंगी
नींद में यूँ तो ख्वाब बहुत सारे आयेंगे

शब् जवाँ होगी तो बात और भी बढ़ेगी
मोहब्बत के जब कई यहाँ मारे आयेंगे

जिस दम तुम आने का वादा कर दोगे
हम इंतजार की घड़ियाँ गुजारे आयेंगे