अब ना गम रहा ना कोई मलाल रहा
के जब से दिल में ना तेरा ख्याल रहा
हसरतें जिंदगी की सब मिट गयीं यूँ
ना हंसी रही ना आँखों में शलाल रहा
तेरे हुस्न के मारे अब जियें कैसे बता
संगदिल से बस यही एक सवाल रहा
अपने माजी से ही तकरार हुई अपनी
ये आलम-ओ-मंजर सालो-साल रहा
खुद ही खुद की तबाही का सबब हुए
किसी से ना कभी हमको बवाल रहा
रो-रो के हँसे, हंस-हंस के रोया किये
वहशत में उसकी, ऐसा भी हाल रहा
nice
जवाब देंहटाएंShukriya suman ji....
जवाब देंहटाएंbehtreen
जवाब देंहटाएंshukriya bhai....
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