अब तो हर घड़ी बस उसके ख़याल आते हैं
दर्द उसे हो तो आँखों में मेरी शलाल आते हैं
वो याद कर-2 के मेरी हिचकियाँ बढाता है
करने कुछ उसको, ऐसे भी कमाल आते हैं
जबसे अक्स उसका इस दिल में उतर गया
कहाँ पसंद अब हमे हूरों के जमाल आते हैं
शब् भर ख्वाबों में वो दीदार क्या देने लगा
इब्तिदा-ऐ-सहर दो घड़ी और टाल आते हैं
और करके वादा ना आना होगी अदा उसकी
हम तो इंतजार में कई शामें निकाल आते हैं
बज्म-ऐ-हुस्न में यूँ तो चेहरे बहुत मिलते हैं
इन आँखों को नजर वो ही फिलहाल आते हैं
उसके आने की खबर से पलकें नहीं झपकती
जाने कैसे कैसे 'राज' खुद को संभाल आते हैं
behtreen
जवाब देंहटाएंwah kya baat hai ...too good...[:)]
जवाब देंहटाएंSanjay Sahab....aaur Karishma ji.... Aap yaha tak aaye.. dil se shukriya..aabhaari hu..aise hi waqt aur saath dete rahiyega....Duao ke saath...
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